दिनांक 11.08.2017 के निदेशक मण्डल की बैठक में “अपने ग्राहक को जानिए” नीति का अनुमोदन किया गया |
उद्देश्य :- अपने ग्राहक को जानिए/धनशोधन निवारण/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध सम्बन्धी दिशानिर्देशों का उद्देश्य, धनशोधन अथवा आतंकवाद के वित्तपोषण से सम्बन्धित गतिविधियों के लिए अपराधी तत्वों द्वारा जानबूझ कर या अनजाने में बैंकों का इस्तेमाल किए जाने से रोकना है |
“अपने ग्राहक को जानिए” क्रियाविधि से अपने ग्राहकों तथा उनके वित्तीय लेन-देन को जानने या समझने का बेहतर अवसर मिलता है, जिससे बैंकों को अपने जोखिमों का प्रबन्धन विवेकपूर्ण तरीके से करने में मदद मिलती है |
ग्राहक की परिभाषा :- “अपने ग्राहक को जानिए” नीति के प्रयोजन हेतु “ग्राहक” के अन्तर्गत निम्न को शामिल किया गया है
इसके तहत बैंक में ग्राहक सम्बन्ध के पहलुओं पर स्पष्ट दिशा निर्देश सुनिश्चित किया गया है
निदेशक मण्डल द्वारा अनुमोदित उक्त नीति में विभिन्न स्तरों पर अर्थात बैंकिंग सम्बन्ध स्थापित करते समय, वित्तीय लेन-देन करते समय एवं पूर्व से प्राप्त की गई ग्राहक पहचान सम्बन्धी जानकारी की विश्वसनीयता या सत्यता के बारे में कोई संदेह होने पर उस समय ग्राहकों को पहचानने की क्रियाविधि की सुस्पष्ट जानकारी दी जानी चाहिए |
प्रत्येक नये ग्राहक चाहे वह नियमित हो या कभी-कदा आने वाला हो, का अभिनिर्धारण अपनी संतुष्टि होने तक करने हेतु आवश्यक जानकारी प्राप्त करेंगे जो भारतीय रिजर्ब बैंक के दिशा निर्देश के अनुरूप होगा जो ग्राहक नेचुरल व्यक्ति हैं, उनसे उनकी पहचान, उनका पता, स्थान सत्यापित करने के लिए पर्याप्त अभिनिर्धारण डेटा तथा उनका हाल ही का फोटोग्राफ भी प्राप्त करेंगे |
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमानुसार ग्राहक का खाता खोलते समय KYC (Know Your Customer) फार्म भरना आवश्यक है |
निर्णय लिया गया कि ऐसा प्रमाण पत्र जिसमें ग्राहक का पहचान, पता एवं ग्राहक का विवरण की जानकारी मिलती है तो ग्राहक का खाता खोला जा सकता है जो निम्न प्रकार है
छोटे जमा वाल खाते में उपर्युक्त तथा पते के सबूत के दस्तावेजों में लचीलेपन/छुट का प्रावधान किया गया है | क्योंकि निम्न आय वर्ग के लोग अपनी पहचान तथा पते के सम्बन्ध में ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ होते हैं जो बैंक के लिए संतोषप्रद हो इससे वे बैंक सेवाएँ प्राप्त नहीं कर सकेंगे और परिणामतः वे वित्तीय सुविधाओं से दूर रहेंगे |
इसलिए अल्प खाते निम्नलिखित शर्तों के अधीन खोला जा सकता है
ऐसे अन्य खाता धारक से परिचय जिसने “अपने ग्राहक को जानिए” की पूरी क्रियाविधि को पूरा किया है एवं इनका (परिचयकर्ता) का खाता बैंक के पास कम से कम छः महीने से हो | खाता खोलने वाले का फोटोग्राफ तथा उसका पता परिचयकर्त्ता द्वारा प्रमाणित किया जाना आवश्यक है | अथवा ग्राहक की पहचान और पत्ते के लिए अन्य कोई साक्ष्य प्रस्तुत करे जिससे बैंक को संतुष्टि हो जाय |
अल्प खाता खोलते समय ग्राहक को यह जानकारी मिल जानी चाहिए कि
“अपने ग्राहक को जानिए” नीति के अन्तर्गत खाता का लेन-देनों की निरन्तर निगरानी एक आवश्यक तत्व है |सभी जटिल, असामान्य रूप से बड़े लेनदेनों और सभी ऐसी असामान्य बातें, जिनका कोई स्पष्ट आर्थिक या दृश्य वैध प्रयोजन न हो, की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है |बड़ी नगद राशि वाले लेन-देन, जो सम्बन्धित ग्राहक की सामान्य और अपेक्षित गतिविधि के अनुरूप नहीं है, के निगरानी पर विशेष ध्यान देना है |
खाता में रखी गई जमा शेष राशि के आकार के अनुरूप न होने वाले बहुत बड़े लेन-देन अर्थात बड़ी-बड़ी निकासी पर ध्यान देना है |
जहाँ ग्राहक द्वारा जानकारी प्रस्तुत नहीं करने या ग्राहक के असहयोग के कारण “अपने ग्राहक को जानिए” उपाय लागू करना संभव नहीं है, वहाँ बैंक के उच्च अधिकारी से सहमति प्राप्त कर ग्राहक का खाता बन्द करने या ग्राहक से बैंकिंग/व्यावसायिक सम्बन्ध समाप्त करने पर विचार किया जा सकता है |
उपरोक्त सभी खातों का संचालन सही एवं वास्तविक होनी चाहिए | इस हेतु वर्त्तमान दिशानिर्देश के अनुपालन में ग्राहक के जोखिम का वर्गीकरण कर उनके खाता के संचालन पर उचित सावधानी बरतनी है | इस हेतु सभी प्रकार के ग्राहक के जोखिम का वर्गीकरण कर निम्न श्रेणी में रखा गया है:-
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